क्या प्रत्येक पारद शिवलिंग के साथ एक लैब प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा ?
Talk to Astrologer Chat with Astrologer About Jaya Verma I love to write, I participated as co-writer in several books, also obtained prizes at countrywide stage for composing write-up, poetry and I received a letter of appreciation from hirdu foundation. I have 4 year of working experience Within this discipline.
मूल्य को सर्वजन की पहुँच के लिए सर्वाधिक रूप से पारद और चांदी मिश्रित शिवलिंग बनाए हैं। शास्त्रों में पारद शिवलिंग को सर्वाधिक प्रभावशाली बताया गया है और ऐसा कहा गया कि इसके दर्शन मात्र से अनंत यज्ञों का फल प्राप्त होता है। ऐसा वर्णित है कि जिस घर में भी पारद शिवलिंग स्थापित हो वहां साक्षात भोलेनाथ निवास करते हैं और केवल भगवान शिव ही नहीं माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का भी उस स्थान पर वास होता है
धातुओं में सर्वोत्तम पारा अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रॉपर्टीज के लिए वैज्ञानिक तौर पर भी मशहूर है।
पारद शिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने से संतानहीन दंपति को भी संतानरत्न की प्राप्ति हो जाती है।
You will discover various kinds of Shivling revered like a formless incarnation of The nice Lord Shiva. About 20 sorts of Shivling are pointed out in the Puranas which can be worshipped for various applications.
दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद
The Parad Shivling is frequently worshipped collectively by family members and communities. This collective worship strengthens social bonds, fosters a sense of unity, and promotes shared spiritual progress.
पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है, और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था।
During auspicious festivals like Maha Shivaratri, the Parad Shivling is worshipped with fantastic devotion. Exclusive rituals and observances through these instances amplify the spiritual Added benefits and convey peace, prosperity, and protection for the devotees.
जी हाँ, आप घर के अंदर पारद शिवलिंग को रख सकते है। पारद शिवलिंग अपने आप में शुद्ध होता है और इसे किसी प्राण प्रतिष्ठा की जरुरत नहीं होती है। इसे रखने से घर में सुख शांति बानी रहती है।
पारद को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है और ब्रह्माण्ड को जन्म देने वाले उनके वीर्य का प्रतीक भी इसे माना जाता है। धातुओं में अगर पारद को शिव का स्वरूप माना गया है तो ताम्र को माँ पार्वती का स्वरूप। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमय हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को सुवर्ण रसलिंग भी कहते read more हैं।
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पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना का तरीका सामान्य शिवलिंग के समान ही होता है। जिस घर में पारद शिवलिंग होता है, वह धन-धान्य से परिपूर्ण और दुर्गुणों से मुक्त होता है।